HINDI Shayari

Tuesday, December 06, 2016

जिंदगियां कैद होती गयी....
और शहर बनते गये...
जिंदगियां फ़नः होती गयी...
और गाँव उजड़ते गये...
दूरियाँ क्या कम हई...
रिश्ते सारे सिमटते गये...

You Might Also Like

0 blogger-facebook

Contact Us

Name

Email *

Message *