काग़ज़ की कश्ती थी, पानी का किनारा था;
खेलने की मस्ती थी, ये दिल अवारा था;
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में;
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था...
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बालदिन की शुभकामनाएँ !!!👬👭👫
काग़ज़ की कश्ती थी, पानी का किनारा था;
खेलने की मस्ती थी, ये दिल अवारा था;
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में;
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था...
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बालदिन की शुभकामनाएँ !!!👬👭👫
Welcome to The Beautiful Shayari.
I'm Sagar Shayar - I'm a not a poet, I'm a not special person but my thinking, thoughts, expression are "Special". This blog is a place where I want to share all the things I love to you! Keep