धरती से ही भरनी होगी,
ये मेहनत आज नही तो कल
करनी ही होगी
रातो को सवेरा और सवेरे को रात
बनाना ही होगा
जहा पहुचने का सोच रहे हो तुम
उसका रास्ता खुद तुम्हे बनाना ही होगा।
ये मेहनत आज नही तो कल
करनी ही होगी
रातो को सवेरा और सवेरे को रात
बनाना ही होगा
जहा पहुचने का सोच रहे हो तुम
उसका रास्ता खुद तुम्हे बनाना ही होगा।