और शहर बनते गये...
जिंदगियां फ़नः होती गयी...
और गाँव उजड़ते गये...
दूरियाँ क्या कम हई...
रिश्ते सारे सिमटते गये...
✍🏻: तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,
यु तुम हमें इशारा ना करो,
दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,
तुम तन्हाइयों में यूं तडपया ना करो…!
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✍🏻: *😒अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने..*
*दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना…*😒
👉✍
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✍🏻: एक सच्चा चाहने वाला आपसे हर तरह की बातें ‘शेयर’ करता है, मगर ‘धोखा’ देने वाला सिर्फ आपको अच्छी लगने वाली ही बातें करता है।
*😒अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने..*
*दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना…*😒
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काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखो को छुपाती,
हम पुछ्ते की कौन हो तुम..??
और वो हस कर खुदको हमारी जान बताती.
तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं,
झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास,
और सच कहूँ तो तेरे सिवा कुछ नहीं
आज ⛅सवेरे सवेरे Iи¢σмє_тαχ वालों का ☎फोन आया..🔱♠❤
बोले इतने बढिया👌🏻👌🏻 ѕтαтυѕ मत डाला करो.
नहीं तो 🚫тαχ लगा दूँगा___
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✍🏻✍🏻 सुनो 'नवम्बर" में "दिल" ना दुखाया करो तुम...!!
✍🏻✍🏻 "सर्दियों" की "चोट" अक्सर ज़्यादा "दर्द" देती है...!!
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*बचा ही मुझमें क्या??? दिल महबूब ले गया*
*और दर्द में लिखे अल्फ़ाज़... लोग चुरा ले गये*
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*_शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना,_*
*_गमों की महफ़िल भी कमाल की जमती है!_*
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*💞कागज़ भी पास है..और..कलम भी पास है... मगर...💕 💞लिखू भी तो क्या लिखू... .जब दिल💘ही तेरे पास है..*
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💕इक आंखें ही तो है हमारी जो बातें करतीं हैं तुमसे
लबों पर तो हमारे दुनियादारी का पहरा होता है💕
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" किस खत में लिखकर भेजू अपने इंतजार को तुम्हे,
बेजुबान है इश्क मेरा और ढूंढता है ख़ामोशी से तुम्हे..
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