O Ri Chiraiya
Nanhi Si Chidiya
Angnaa Mein Phir Aaja Re
O Ri Chiraiya
Nanhi Si Chidiya
Angnaa Mein Phir Aaja Re
Andhiyara Hai Ghana Aur Lahu Se Sana
Kirno Ke Tinke Ambar Se Chunn Ke
Angna Mein Phir Aaja Re
Humne Tujhpe Hazaro Sitam Hain Kiye
Humne Tujhpe Jahaan Bhar Ke Zulm Kiye
Humne Socha Nahi
Tu Jo Ud Jaayegi
Ye Zameen Tere Bin Sooni Reh Jaayegi
Kiske Dum Pe Sajega Angna Mera
O Ri Chiraiya, Meri Chiraiya
Angnaa Mein Phir Aaja Re
Tere Pankho Mein Saare Sitare Jadu
Teri Chunar Satrangi Bunu
Tere Kaajal Mein Main Kaali Raina Bharu
Teri Mehandi Mein Main Kacchi Dhoop Malu
Tere Naino Sajaa Doon Naya Sapna
O Ri Chiraiya, Meri Chiraiya
Angnaa Mein Phir Aaja Re
O Ri Chiraiya
Nanhi Si Chidiya
Angnaa Mein Phir Aaja Re
O Ri Chiraiya...
http://www.5abimusic.com/2012/05/o-ri-chiraiya-lyrics-with-hd-video.html
WARM REGARDS & Collecting By :
Akhtar khatri
*****help what we can with others in need...the world is ONE big family*****
Aaj Aapke Samne Main Mashoor Shayara Noshi Gilani Ji
Ya Khuda Koi Aisa Karam Kar De
Zarre Ko Tu Shikhar Kar De
Bhar De Daman Khushiyo Se
Mere Mehboob Ka
Badle Me Mujhe "Gumo Ka Sagar" Kar De
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
दिल में यादों के नश्तर से टूटा किये
एक तमन्ना कलेजा मसलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
बदनसीबी शराफत की दुश्मन बनी
सज संवार्के भी दुल्हन न दुल्हन बनी
टीका माथे पे एक दाग बनता गया
मेंहदी हाथों से शोले उगलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
ख्वाब पलकों से गिर कर फनाह हो गए
दो क़दम चल के तुम भी जुदा हो गए
मेरी हारी थकी आँख से रात दिन
एक नदी आंसुओं की उबलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
सुबह मांगी तोह ग़म का अँधेरा मिला
मुझको रोता सिसकता सवेरा मिला
मैं उजालों की नाकाम हसरत लिए
उम्र भर मोम बन कर पिघलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
चाँद यादों की पर्च्चैयों के सिवा
कुच्छ भी पाया न तनहाइयों के सिवा
वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा
रंग तकदीर क्या क्या बदलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही
दिल में यादों के नश्तर से टूटा किये
एक तमन्ना कलेजा मसलती रही
चाँद अपना सफ़र ख़त्म करता रहा
शमा जलती रही रात ढलती रही