Photo Shayari

Sunday, June 04, 2017

*चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज.....*

*पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका....*

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*कभी उम्मीदें उधड़ जाएं, तो मेरे पास ले आना..*

*मैं हौसलों का दर्जी हूँ, मुफ़्त में रफ़ू कर दूंगा....*

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