Photo Shayari
Sunday, June 04, 2017*चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज.....*
*पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका....*
==========#============
*कभी उम्मीदें उधड़ जाएं, तो मेरे पास ले आना..*
*मैं हौसलों का दर्जी हूँ, मुफ़्त में रफ़ू कर दूंगा....*
0 blogger-facebook