मेरी जुबां पे नए जायकों के फल लिख दे ..
ऐ मेरे खुदा तू मेरे नाम इक ग़ज़ल लिख दे..!!!
वो चाहता है यह दुनिया, मैं चाहता हूँ उसे ..
यह मसला बड़ा ही नाज़ुक़ है , कोई हल लिख दे ...!!!
मैं एक लम्हे में दुनियां समेट सकता हूँ ...
वो जब मिलेगा तन्हाई में , बस इक पल लिख दे..!!!
.....डा. बशीर् बद्र ....🌹🌹
*चलकर देखा है अक्सर, मैंने अपनी चाल से तेज.....*
*पर वक्त, और तकदीर से आगे, कभी निकल न सका....*
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*कभी उम्मीदें उधड़ जाएं, तो मेरे पास ले आना..*
*मैं हौसलों का दर्जी हूँ, मुफ़्त में रफ़ू कर दूंगा....*
इस दिल को किसी की आस रहती है,
निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना किसी चीज़ की कमी तो नही,
पर तेरे बेगैर जिन्दगी बड़ी उदास रहती है..
न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके !!
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हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए, हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए, सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना, पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए..!