ज़ोर-ए-क़यामत क्या कहिये
Friday, July 12, 2013
इश्क़ ने तोड़ी सर पे क़यामत
ज़ोर-ए-क़यामत क्या कहिये
सुनने वाला कोई नहीं है
रूदाद-ए-मुहब्बत क्या कहिये
दिल है किसी का राज़-ए-हक़ीकत
राज़-ए-हक़ीकत क्या कहिये
हैरत-ए-जलवा मोहर-ब-लब है
जलवा-ए-हैरत क्या कहिये
उस पे किसी की तीर-ए-सितम सी
मश्क़-ए-सियासत क्या कहिये
ज़ोर-ए-क़यामत क्या कहिये
सुनने वाला कोई नहीं है
रूदाद-ए-मुहब्बत क्या कहिये
दिल है किसी का राज़-ए-हक़ीकत
राज़-ए-हक़ीकत क्या कहिये
हैरत-ए-जलवा मोहर-ब-लब है
जलवा-ए-हैरत क्या कहिये
उस पे किसी की तीर-ए-सितम सी
मश्क़-ए-सियासत क्या कहिये
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